Rajasthan GK - राजस्थान एक परिचय

 Rajasthan - An Introduction

राजस्थान - एक परिचय

(प्रतियोगिता की दृष्टि से यह टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है अतः इसे अच्छी तरह से तैयार करें तीन से चार  प्रश्न प्रत्येक प्रतियोगिता परीक्षा में इस टॉपिक से पूछे जाते हैं)

राजस्थान देश का एक ऐसा रंगीला प्रान्त है जो इतिहास में न केवल अपने त्याग, बलिदान एवं शौर्य की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ की कला,  संस्कृति और सभ्यता ने भी इसे एक विशिष्ट पहचान दी है । अपने ऐतिहासिक, पुरातात्विक और स्थापत्य महत्व के दर्शनीय स्थलों के कारण राजस्थान देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है।

आइए ऐसे अनूठे प्रान्त राजस्थान को जानें -

 स्थिति

राजस्थान भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित है। इस की भौगोलिक स्थिति 23° 3ʼ से 30°12ʼ उत्तरी अक्षांशो एवं 69° 30ʼ से 78°17ʼ पूर्वी देशांतरों के मध्य है।

 इस प्रकार राजस्थान 7° 9ʼ अक्षांशों और 8°47ʼ देशांतरों के मध्य स्थित है।

आकार 

राजस्थान का आकार विषम कोणीय चतुर्भुज के समान हैं ।

इसका विस्तार 

उत्तर दिशा में कोणा गांव (श्रीगंगानगर) से 

दक्षिण में बोरकुंड गांव (बांसवाड़ा) तक 

826 किलोमीटर तथा 

पश्चिम में कटरा गांव (जैसलमेर) से 

पूर्व में सिलाना गांव (धौलपुर) तक 

869 किलोमीटर में विस्तृत है।

पड़ोसी राज्य

राजस्थान की सीमाएं 5 पड़ोसी राज्यों से स्पर्श करती है।

इसके उत्तर में पंजाब, उत्तर पूर्व में हरियाणा, पूर्व में उत्तर प्रदेश, दक्षिण में मध्य प्रदेश और दक्षिण पश्चिम में गुजरात राज्य स्थित है।

राजस्थान की पंजाब से लगने वाली अंतर्राज्यीय सीमा सबसे छोटी (89 किलोमीटर) तथा मध्य प्रदेश से लगने वाली अंतर्राज्यीय सीमा सबसे लंबी (1600 किलोमीटर) है। 

स्थलीय सीमा 

राजस्थान की कुल स्थलीय सीमा 5920 किलोमीटर है। इसमें से 4850 किलोमीटर अंतर्राज्यीय सीमा एवं 1070 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा है, जो पाकिस्तान से स्पर्श करती है।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा 

राजस्थान से स्पर्श करने वाली पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा (1070 किलोमीटर) रैडक्लिफ रेखा का एक भाग है । 

यह सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच भारत की आजादी के समय में सर रैडक्लिफ द्वारा मानचित्र पर अंकित की गई थी।

इस सीमा को राजस्थान के 4 जिले स्पर्श करते हैं - श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर एवं बाड़मेर।

गंगानगर शहर अंतरराष्ट्रीय सीमा के सर्वाधिक निकट है।

जैसलमेर से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा सबसे लंबी (464 किलोमीटर) व बीकानेर जिले से लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सीमा सबसे छोटी (168 कि.मी. ) है ।

पाकिस्तान के पंजाब व सिंध प्रांत के बहावलपुर,  खैरपुर और मीरपुरखास जिले राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा को स्पर्श करते हैं ।

यह सीमा राजस्थान के गंगानगर जिले के हिंदूमलकोट से प्रारंभ होकर बाड़मेर के शाहगढ़ नामक स्थान पर समाप्त होती है।

 क्षेत्रफल

 राजस्थान का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.41% है।

राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है । तत्पश्चात क्रमशः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों का स्थान है।

तुलनात्मक दृष्टि से राजस्थान श्रीलंका से 5 गुना, इजराइल से 17 गुना, इंग्लैंड से 2 गुना बड़ा राज्य है।

जैसलमेर क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला तथा दौसा सबसे छोटा जिला है।

राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग मरुस्थलीय, 23.3% पूर्वी मैदान, 9.3% अरावली पर्वतीय प्रदेश तथा शेष  हाड़ौती का पठारी भाग है।

 कर्क रेखा की स्थिति

 23° 30ʼ उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा कहा जाता है।

यह रेखा उत्तरी गोलार्ध में स्थित है तथा भारत के मध्य से गुजरती है।

 राजस्थान में यह रेखा दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर जिले को छूती हुई बांसवाड़ा की कुशलगढ़ तहसील से गुजरती है

बांसवाड़ा शहर कर्क रेखा से सर्वाधिक नजदीक स्थित है।

राजस्थान की देशांतरीय स्थिति एवं समय

राजस्थान 69° 30ʼ पूर्वी देशांतर से 78° 17ʼ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है । इस प्रकार राजस्थान लगभग 8° 47ʼ देशांतर के मध्य फैला हुआ है ।

एक अंश देशांतर को सूर्य के ठीक सामने से गुजरने में 4 मिनट लगते हैं। इस प्रकार राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी भाग में लगभग 36 मिनट (9 × 4 मिनट = 36 मिनट) का अंतर रहता है।

सर्वप्रथम सूर्योदय धौलपुर में होता है, क्योंकि धौलपुर राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला है।

सबसे बाद में सूर्योदय जैसलमेर में होता है, क्योंकि यह राजस्थान का सबसे पश्चिमी जिला है।


 राज्य के प्रतीक चिन्ह

राज्य वृक्ष - खेजड़ी

इसे थार का कल्पवृक्ष भी कहते हैं  ।

वनस्पति शास्त्र में इसे "प्रोसोपिस सिनेरेरिया" कहा जाता है।

मरुस्थल में यह वृक्ष बहुतायत में  देखने को मिलता है ।

इसके अन्य नाम हैं - कल्पवृक्ष, जांटी, शमी आदि। 

राज्य पुष्प - रोहिड़ा 

रोहिडा वृक्ष को मरुस्थल का सागवान कहा जाता है।

मार्च-अप्रैल में इस पर गहरे केसरिया तथा हर मिची पीले रंग के पुष्प आते हैं।

यह पश्चिमी राजस्थान में पाया जाता है।

इसका वैज्ञानिक नाम "टिकोमेला अडूलेटा" है।

राज्य पक्षी - गोडावण 

यह एक शर्मीले स्वभाव का पक्षी है, जो एकांत प्रिय स्थानों में रहना पसंद करता है ।

इसका प्राणी शास्त्रीय नाम "कोरियोटिस नाइग्रीसेप" है। 

उपनाम ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोहन चिड़िया) है।

राज्य पशु - चिंकारा

 चिंकारा (छोटा हिरण - एंटीलोप) संपूर्ण राजस्थान में पाए जाने वाला वन्य प्राणी है ।

इसका वैज्ञानिक नाम गजेला- गजेला  है 

राज्य खेल - बास्केटबॉल 

राज्य नृत्य - घूमर

 राज्य गीत

 "केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देश"

 राजस्थान की प्रशासनिक इकाइयां 

राजस्थान के 33 जिलों को निम्नलिखित 7 संभागों में विभक्त किया गया

 जयपुर संभाग

 5 जिले - जयपुर, सीकर, अलवर, दौसा एवं झुंझुनू। यह जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग है।

जोधपुर संभाग 

6 जिले - जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही,पाली एवं जालौर ।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग है ।

अजमेर संभाग

4 जिले - अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक एवं नागौर।

कोटा संभाग 

4 जिले - कोटा, बूंदी,  बारां एवं झालावाड़।

उदयपुर संभाग

6 जिले - उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़स डूंगरपुर, बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ ।

बीकानेर संभाग

4 जिले - बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू एवं हनुमानगढ़। 

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग है ।

भरतपुर संभाग

4 जिले - भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर एवं करौली ।

यह नवगठित संभाग है (4 जून 2005)।

क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे छोटा संभाग

जिलों की स्थिति 

वर्तमान में राजस्थान में 33 जिले हैं ।

वर्ष 2007 के राज्य बजट में प्रतापगढ़ को 33 वां जिला बनाने की घोषणा की गई थी।

 जिलों के नाम 

श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, सीकर, झुंझुनू, नागौर, अजमेर, अलवर, जयपुर,भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, पाली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, कोटा, बारां, बूंदी, बांसवाड़ा, झालावाड़, सिरोही, जालौर, प्रतापगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, डूंगरपुर।

 1 नवंबर 1956 को राजस्थान के पुनर्गठन के समय राजस्थान में जिलों की संख्या 26 थी । उसके बाद प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि में पांच चरणों में 7 जिले और बनाए गए । 

राजस्थान के 33 जिलों में से 14 जिले पश्चिमी राजस्थान में तथा 19 जिले पूर्वी राजस्थान में स्थित है । 

राजस्थान का नवीनतम 33वां जिला प्रतापगढ़ है ।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है ।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला दौसा है ।

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जयपुर है।

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला जैसलमेर है।

शेखावाटी के जिले - चूरू, झुंझुनू और सीकर।

हाडौती के जिले - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ ।

मेवात के जिले - अलवर, भरतपुर ।

बांगड़ के जिले - डूंगरपुर, बांसवाड़ा ।

मारवाड़ के जिले - जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर, नागौर, पाली।

मेवाड़ के जिले - उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़

पाली के साथ सबसे अधिक 8 जिलों की सीमा लगती है । यह जिले हैं उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, नागौर, जोधपुर, जालौर, बाड़मेर तथा अजमेर।

 राजस्थान की राजधानी जयपुर है एक शहर के रूप में जयपुर की स्थापना सवाई जयसिंह द्वितीय ने सन 1727 में की थी। इसका डिजाइन प्रमुख वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ने तैयार किया था।


प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

राजस्थान की पंजाब से लगने वाली अंतर्राज्यीय सीमा सबसे छोटी (89 किलोमीटर) तथा मध्य प्रदेश से लगने वाली अंतर्राज्यीय सीमा सबसे लंबी (1600 किलोमीटर) है। 

राजस्थान का पुनर्गठन 1 नवंबर 1956 को पूर्ण हुआ। राजस्थान के एकीकरण के सात चरण है, जो 18 मार्च 1948 से प्रारंभ होकर 1 नवंबर 1956 को पूर्ण हुआ।

 1800 ईस्वी में जॉर्ज थॉमस नामक अंग्रेज ने सर्वप्रथम इस क्षेत्र को राजपूताना नाम दिया ।

सन् 1829 में राजपूताने के प्रथम और प्रसिद्ध इतिहास लेखक कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक "एनाल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान" में प्रथम बार राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।

 स्वतंत्रता प्राप्ति के समय राजस्थान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने एवं अजमेर मेरवाड़ा केंद्र शासित प्रदेश था। 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार के द्वारा इस क्षेत्र को राजस्थान शब्द की मान्यता मिली तथा जयपुर को राजधानी घोषित किया गया। 


 (राजस्थान नाम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तथा राजस्थान का राजनीतिक एकीकरण से संबंधित जानकारी अलग से प्रस्तुत की जाएगी)


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