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Rajasthan GK - राजस्थान के प्रमुख उद्योग

  Important Industries of Rajasthan राजस्थान के प्रमुख उद्योग राज्य में उद्योगों को प्रमुख रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है -  1. कुटीर उद्योग  2. लघु उद्योग  3. वृहद उद्योग  कुटीर उद्योग  वे उद्योग जो पूर्ण रूप से प्रायः श्रमिक के द्वारा अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से अपने घर या किसी अन्य स्थान पर चलाया जाता है , वह कुटीर उद्योग की श्रेणी में आते हैं। इनमें डेयरी, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि कई उद्योग शामिल है । लघु उद्योग  उद्योग जो श्रमिक के घर पर नहीं चलाए जाते एवं जिनमें  कम पूंजी का विनियोग हो, लघु उद्योगों की श्रेणी में आते हैं । वृहद उद्योग  उद्योग जिनमें पूंजी विनियोग अधिक होता है तथा श्रमिकों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक होती है, वृहद उद्योग की श्रेणी में आते हैं। इन्हें बड़े-बड़े उद्योग या भारी उद्योग भी कहते हैं।    महत्वपूर्ण लिंक महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया - Rajasthan competition GK https://rajasthangkaashishsir.blogspot.com/2020/12/maharana-pratap.html Important Industries of Rajasthan राजस्थान के प्रमुख उद्योग https://rajasthangkaashishsir.blogspot.co

Rajasthan GK - राजस्थान के खनिज संसाधन

  Mineral Resources of Rajasthan राजस्थान के खनिज संसाधन राजस्थान खनिज संपदा की दृष्टि से एक संपन्न राज्य है  ।  राजस्थान को “ खनिजों का अजायबघर ” कहा जाता है  । खनिज भंडारों की दृष्टि से राजस्थान का देश में झारखंड के बाद दूसरा स्थान है  ।   क्षेत्र में होने वाली आय की दृष्टि से राजस्थान का देश में पांचवा स्थान है।   राजस्थान में 44 बड़े खनिज एवं 23 लघु खनिज उत्पादन होते हैं  ।   देश की सर्वाधिक खाने राजस्थान में स्थित है ।   अलौह खनिजों की दृष्टि से   राजस्थान का देश में प्रथम एवं लौह खनिजों की दृष्टि से चौथा स्थान है  । धात्विक (आधारभूत) खनिज लौह अयस्क राजस्थान में इसका उत्पादन मोरीजा-बानो ला (जयपुर), नीमला-राइसेला (दौसा), नाथरा की पाल व थूर हुन्डेर (उदयपुर) एवं डाबला-सिंघाना (झुंझुनू) आदि क्षेत्रों में होता है। राजस्थान में मुख्यता हेमेटाइट किस्म का लोहा अयस्क पाया जाता है।   तांबा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा स्थान है। यह आग्नेय, अवसादी व कायांतरित चट्टानों से प्राप्त होता है । राज्य में खेतड़ी-सिंघाना ( झुंझुनू ), खो दरीबा ( अलवर ), अंजनी व चा

Rajasthan GK - राजस्थान में किसान एवं आदिवासी आंदोलन

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Peasant & Tribal movement in Rajasthan राजस्थान में किसान व आदिवासी  आंदोलन   19वीं शताब्दी के आरंभ में अंग्रेजों से हुई संधि के पश्चात राजस्थान के शासक बाह्य आक्रमणों, मराठो एवं पिंडारियों के आतंक से मुक्ति पाकर निर्भयता से जीवन बिताने लगे। इन्होंने अपने एशो आराम के लिए जनता पर अनेक कर लगा दिए । इससे जनता में असंतोष बढ़ता गया और 1897 ईस्वी में मेवाड़ के जागीर क्षेत्र बिजोलिया में प्रथम विस्फोट किसान आंदोलन के रूप में हुआ । इस आंदोलन ने संपूर्ण राजस्थान के कृषकों को प्रेरणा दी और अनेक कृषक आंदोलन हुए।   राजस्थान में हुए प्रमुख किसान आंदोलन बिजौलिया किसान आंदोलन - 1897 से 1941 बेगू किसान आंदोलन - 1921 अलवर किसान आंदोलन - 1921  नीमूचाणा किसान आंदोलन - 4 मई 1925 मेव किसान आंदोलन - 1932 बूंदी किसान आंदोलन - 1926  बीकानेर किसान आंदोलन - 1946  डाबड़ा किसान आंदोलन - 1947 तोल  आंदोलन - 1920 बिजौलिया किसान आंदोलन बिजौलिया (भीलवाड़ा) में सन् 1897 से 1941 तक किसान आंदोलन हुआ। यह  भारत का प्रथम किसान आंदोलन था। अशोक परमार द्वारा स्थापित बिजौलिया, मेवाड़ राज्य का प्रथम श्रेणी का ठिकाना था।  य