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Rajasthan GK - राजस्थान एक परिचय

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  Rajasthan - An Introduction राजस्थान - एक परिचय (प्रतियोगिता की दृष्टि से यह टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है अतः इसे अच्छी तरह से तैयार करें तीन से चार  प्रश्न प्रत्येक प्रतियोगिता परीक्षा में इस टॉपिक से पूछे जाते हैं) राजस्थान देश का एक ऐसा रंगीला प्रान्त है जो इतिहास में न केवल अपने त्याग, बलिदान एवं शौर्य की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ की कला,  संस्कृति और सभ्यता ने भी इसे एक विशिष्ट पहचान दी है । अपने ऐतिहासिक, पुरातात्विक और स्थापत्य महत्व के दर्शनीय स्थलों के कारण राजस्थान देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। आइए ऐसे अनूठे प्रान्त राजस्थान को जानें -   स्थिति राजस्थान भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित है। इस की भौगोलिक स्थिति 23° 3ʼ से 30°12ʼ उत्तरी अक्षांशो एवं 69° 30ʼ से 78°17ʼ पूर्वी देशांतरों के मध्य है।  इस प्रकार राजस्थान 7° 9ʼ अक्षांशों और 8°47ʼ देशांतरों के मध्य स्थित है। आकार   राजस्थान का आकार विषम कोणीय चतुर्भुज के समान हैं । इसका विस्तार  उत्तर दिशा में  कोणा गांव (श्रीगंगानगर) से  दक्षिण में बोरकुंड गांव (बांसवाड़

Rajasthan GK - राजस्थान के राजवंश एवं उनके संस्थापक

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Different Princely States of Rajasthan       Rajasthan GK  राजस्थान के विभिन्न राजवंश एवं उनके संस्थापक रणथंभौर में चौहान वंश की स्थापना गोविंद राज ने 1194 ईस्वी में की। शाकंभरी के चौहान वंश की नींव डालने वाला शासक वासुदेव चौहान 551 ईसवी था। सिरोही में चौहानों की देवड़ा शाखा का शासन था, जिसकी स्थापना 1131 में लुंबा द्वारा की गई थी तथा राजधानी चंद्रावती को बनाया। जालौर के चौहान वंश की स्थापना कीर्तिपाल चौहान ने की।  हाडोती के चौहान वंश की स्थापना 1342 ईस्वी में हाड़ा चौहान देवा ने मीणो को पराजित कर की।  नाडोल में चौहान वंश की स्थापना शाकंभरी नरेश वाकपति के पुत्र लक्ष्मण चौहान ने 960 ईसवी में की। मेवाड़ में गुहिल वंश की नींव डालने वाला शासक गुहादित्य (गुहिल) 566 ईसवी था। चित्तौड़ में 1326 ईस्वी में सिसोदिया वंश की नींव डालने वाला शासक राणा हम्मीर था। कछवाहा वंश का राज्य स्थापित करने वाले दूल्हेराय थे। इनकी प्रथम राजधानी दौसा  थी। दूल्हा राय के पुत्र कोकिल देव ने 1207 में आमेर के मीणाओं को परास्त कर आमेर को अपने राज्य में मिला लिया तभी से आमेर कछवाहा की राजधानी  बनी।  मारवाड़ में राठौड़ व

Rajasthan GK - राजस्थान का इतिहास जानने के स्रोत

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Sources of Rajasthan History      Coins of Jaisalmer state राजस्थान का इतिहास जानने के स्रोत राजस्थान के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत पुरातात्विक सामग्री , ऐतिहासिक ग्रंथ , प्रशस्तियाँ,  यात्रियों का वर्णन एवं पुरालेख आदि हैं ।   पुरातात्विक सामग्री पुरातत्व संबंधी सामग्री सबसे अधिक विश्वस्त है ।मूक होते हुए भी इसमें ऐसे अच्छे  ऐतिहासिक तत्व निहित है जो प्रामाणिक होते हैं ।  खोजो एवं उत्खनन से प्राप्त ऐतिहासिक सामग्री यथा - भग्नावशेष, खनन से प्राप्त सामग्री, सिक्के, गुहालेख , शिलालेख तथा ताम्रपत्र आदि पुरातात्विक सामग्री में सम्मिलित किए जाते हैं । महत्वपूर्ण शिलालेख / प्रशस्तियाँ -  कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति समय - 1460  स्थान - चित्तौड़गढ़  रचयिता - अत्रि इसमें मेवाड़ के महाराणाओं की वंशावली की जानकारी मिलती है। यह प्रशस्ति 15वीं सदी की राजस्थान की राजनीतिक , धार्मिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्थिति को समझने के लिए बहुत उपयोगी है।   राज प्रशस्ति  समय - 1676 ईस्वी  स्थान - राजसमंद  यह राजस्थान का सबसे बड़ा शिलालेख है । राजसमंद झील की नौ चोकी पाल की ताकों  में लगे 25 काले पत्थरों पर स